8th Pay Commission – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ताजा अपडेट सामने आया है, लेकिन इस बार ये खबर खुशखबरी नहीं बल्कि थोड़ा झटका देने वाली है। जो लोग रिटायर हो चुके हैं या रिटायरमेंट की तैयारी में हैं, उनके लिए ये खबर जानना ज़रूरी है। सरकार ने हाल ही में कुछ ऐसे नियमों को लागू किया है, जिनके मुताबिक अब हर सरकारी कर्मचारी को ना तो महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा और ना ही 8वें वेतन आयोग का लाभ।
सरकार का नया फैसला क्या है
असल में बात ये है कि हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से वित्त अधिनियम 2025 पास किया गया है। इस अधिनियम में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जिनका सीधा असर उन सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं। सरकार ने साफ कह दिया है कि इन रिटायर्ड कर्मचारियों को डीए यानी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और 8वें वेतन आयोग के तहत मिलने वाला फायदा नहीं दिया जाएगा।
आखिर क्यों नहीं मिलेगा फायदा
अब सवाल उठता है कि आखिर सरकार ऐसा क्यों कर रही है? इसका जवाब भी इस नए कानून में छुपा है। दरअसल सरकार का कहना है कि अब से रिटायर्ड कर्मचारियों के फायदे देना उसकी कानूनी जिम्मेदारी नहीं होगी। यानी अगर सरकार चाहती है तो किसी भी भत्ते में बढ़ोतरी कर सकती है, लेकिन ये उसकी मर्जी पर निर्भर करेगा कि वो इसे कब और कैसे लागू करे।
मतलब ये कि अगर सरकार ने किसी नए नियम को लागू किया भी, तो वो रिटायर्ड लोगों पर लागू होगा या नहीं, ये तय करना अब सरकार की मर्जी है। इससे लाखों पेंशनर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि वे इस फैसले को कोर्ट में भी चुनौती नहीं दे सकेंगे।
कौन से कर्मचारी रह जाएंगे वंचित
अब ये बात भी साफ हो गई है कि जो लोग पहले ही रिटायर हो चुके हैं, उन्हें नए डीए या वेतन आयोग का सीधा लाभ नहीं मिलेगा। जो कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद रिटायर होंगे, शायद उन्हें इसका लाभ मिल जाए, लेकिन ये भी पूरी तरह सरकार की इच्छा पर निर्भर करेगा।
साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अगर सरकार भविष्य में डीए बढ़ाती भी है, तो पहले से रिटायर लोगों को एरियर नहीं दिया जाएगा। यानी सिर्फ वर्तमान रेट के हिसाब से ही भत्ता मिलेगा, पिछली तिथियों से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट भी दे चुका है फैसला
इस पूरे मुद्दे पर पहले भी देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। कोर्ट ने उस समय यह कहा था कि कोई भी रिटायर कर्मचारी चाहे वो कब भी रिटायर हुआ हो, उसे बराबर का लाभ मिलना चाहिए। कोर्ट का ये भी कहना था कि पेंशन उस व्यक्ति की आखिरी सैलरी का कम से कम 50 फीसदी तो होनी ही चाहिए।
लेकिन अब सरकार का यह नया नियम उस फैसले के बिल्कुल उलट नजर आ रहा है। इससे पेंशनर्स में नाराजगी है और यूनियनें भी विरोध में आ गई हैं।
यूनियनों ने जताई नाराजगी
रिटायर्ड कर्मचारियों की यूनियनें इस फैसले से काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार अपने फायदे के लिए सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों को नजरअंदाज कर रही है। यूनियन लीडर्स का कहना है कि जब सभी ने देश की सेवा की है तो लाभ में भेदभाव क्यों?
सरकार का यह फैसला लाखों पेंशनर्स पर असर डाल सकता है। खासकर उन लोगों पर जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा सरकारी सेवा में दिया और अब उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें भविष्य में कुछ राहत मिलेगी।
अब आगे क्या होगा
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार आगे क्या रुख अपनाती है। क्या पेंशनर्स को कोई राहत मिलेगी या फिर ये फैसला ऐसे ही लागू रहेगा? फिलहाल सरकार ने जो रुख अपनाया है, उससे यही लग रहा है कि रिटायर्ड लोगों को अपने हक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुका है तो यह खबर उनके लिए काफी जरूरी है। आगे चलकर अगर कोई नया अपडेट आता है तो जरूर जानने की कोशिश करें और जरूरत पड़े तो अपनी यूनियन या लीगल सलाहकार से सलाह जरूर लें।