चेक बाउंस किया तो अब नहीं बचेगा कोई – जानिए कितने साल की हो सकती है सजा Cheque Bounce

By Prerna Gupta

Published On:

Cheque Bounce

Cheque Bounce – आजकल ऑनलाइन पेमेंट का जमाना है लेकिन इसके बावजूद बहुत सारे लोग आज भी चेक से लेनदेन करते हैं। चेक से पेमेंट करना एक सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन अगर चेक बाउंस हो जाए तो लेने वाले और देने वाले दोनों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। खासतौर से चेक जारी करने वाले को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि चेक बाउंस होने पर क्या होता है, कितने दिन का समय मिलता है पैसे लौटाने के लिए और अगर तय समय में भुगतान नहीं किया गया तो सजा और जुर्माना कितना लग सकता है।

चेक बाउंस होने का मतलब क्या होता है

जब कोई व्यक्ति किसी को चेक देता है और बैंक उस चेक को पैसे की कमी या किसी और वजह से पास नहीं करता, तो इसे चेक बाउंस कहते हैं। चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं – जैसे खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होना, चेक में हस्ताक्षर मैच न करना, तारीख गलत होना या चेक की वैधता समाप्त हो जाना।

चेक बाउंस होने पर क्या कार्रवाई होती है

अगर किसी का चेक बाउंस हो जाता है, तो सबसे पहले बैंक एक रिटर्न मेमो जारी करता है जिसमें बाउंस होने का कारण बताया जाता है। इसके बाद चेक लेने वाला व्यक्ति उस मेमो की कॉपी और चेक की फोटोस्टेट लेकर चेक देने वाले को नोटिस भेज सकता है।

यह भी पढ़े:
Airtel Recharge Plan एयरटेल का धमाका! 3 नए सस्ते प्लान में मिलेगा अनलिमिटेड फायदा Airtel Recharge Plan

नियम के अनुसार, चेक बाउंस होने की जानकारी मिलने के बाद 30 दिनों के भीतर चेक देने वाले को भुगतान करना होता है। अगर वह व्यक्ति तय समय पर पैसा नहीं लौटाता है, तो चेक लेने वाला लीगल नोटिस भेज सकता है। नोटिस मिलने के बाद भी अगर 15 दिनों में कोई जवाब नहीं आता या भुगतान नहीं किया जाता है, तो केस दर्ज किया जा सकता है।

किस कानून के तहत केस दर्ज होता है

चेक बाउंस होने पर भारतीय कानून की धारा 138 के तहत कार्यवाही होती है। यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 का हिस्सा है। इस धारा के तहत चेक देने वाले व्यक्ति पर केस चल सकता है और कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है।

चेक बाउंस में क्या सजा हो सकती है

अगर कोर्ट में यह साबित हो जाता है कि जानबूझकर चेक जारी किया गया और खाते में पैसे नहीं थे, तो कोर्ट चेक देने वाले को दो साल तक की सजा सुना सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो आमतौर पर चेक की राशि के बराबर या उससे ज्यादा हो सकता है।

यह भी पढ़े:
Petrol Pump Commission 1 लीटर पेट्रोल पर पेट्रोल पंप मालिक को कितना मिलता है कमीशन, जानिए पूरी सच्चाई Petrol Pump Commission

कई मामलों में कोर्ट दोनों ही सजा – जेल और जुर्माना – एक साथ दे सकती है। इसके अलावा कोर्ट यह भी आदेश दे सकती है कि चेक की रकम के साथ-साथ ब्याज और कोर्ट की फीस भी अदा की जाए।

बैंक भी वसूलते हैं जुर्माना

सिर्फ कोर्ट ही नहीं, बैंक भी चेक बाउंस होने पर जुर्माना वसूलते हैं। आमतौर पर 150 से 750 रुपये तक की पेनल्टी बैंक काट लेते हैं। यह राशि आपके खाते से अपने आप कट जाती है और इस पर बैंक की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया जाता।

अगर आपने कई बार चेक बाउंस किए हैं, तो बैंक आपका चेकबुक भी बंद कर सकता है और आपकी साख यानी क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है।

यह भी पढ़े:
Ration Card New Rules 1 जून से बदल जाएगा राशन कार्ड का नियम! मिलेंगे ये 4 जबरदस्त फायदे Ration Card New Rules

चेक की वैधता कितनी होती है

अगर आपने किसी से चेक लिया है तो ध्यान रखें कि उसकी वैधता सिर्फ तीन महीने यानी 90 दिन होती है। अगर आप तीन महीने बाद चेक को बैंक में लगाते हैं, तो वह अमान्य हो जाएगा और बैंक उसे बाउंस कर देगा। ऐसे में चेक देने वाला बच सकता है क्योंकि उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।

कैसे बचें चेक बाउंस की मुसीबत से

अगर आप चेक जारी कर रहे हैं तो हमेशा यह सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त पैसे हों। साथ ही, चेक में सही तारीख, सही हस्ताक्षर और सही अमाउंट जरूर भरें। किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए चेक देते वक्त उस व्यक्ति को भी जानकारी दें कि कब तक वह इसे बैंक में जमा कर सकता है।

दूसरी ओर, अगर आप किसी से चेक ले रहे हैं, तो समय पर उसे बैंक में जमा करें और उसकी एक फोटो जरूर रखें ताकि अगर मामला आगे बढ़े तो आपके पास सबूत रहे।

यह भी पढ़े:
Public Holiday शनिवार को घोषित हुई सरकारी छुट्टी! इन जिलों में स्कूल रहेंगे पूरी तरह बंद Public Holiday

चेक बाउंस होना एक गंभीर अपराध माना जाता है। अगर आप यह सोचकर चेक दे रहे हैं कि खाते में पैसे नहीं हैं, तो यह आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है। कानून इस मामले में सख्त है और दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा और भारी जुर्माना लग सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि सावधानी बरतें और जिम्मेदारी से चेक का इस्तेमाल करें।

Leave a Comment