Cow Subsidy Yojana – मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत गाय और भैंस पालन पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है। अगर आप किसान हैं और अपने खेत के साथ-साथ दूध का कारोबार करना चाहते हैं, तो ये स्कीम आपके लिए जबरदस्त मौका बन सकती है।
योजना का मकसद क्या है?
इस योजना का मकसद यह है कि किसानों को दूध उत्पादन के जरिए अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिल सके और वे आत्मनिर्भर बनें। सरकार चाहती है कि किसान आधुनिक तरीके से पशुपालन करें और अच्छे नस्ल के दुधारू पशुओं को अपनाएं। इस योजना के जरिए किसान आठ यूनिट तक का लाभ ले सकते हैं और हर यूनिट के लिए अलग-अलग शर्तें तय की गई हैं।
कितनी सब्सिडी मिलेगी?
अगर आप एससी या एसटी वर्ग से आते हैं तो आपको प्रति यूनिट 33 फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी और बाकी वर्गों के किसानों को 25 फीसदी सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
- देसी गाय की एक यूनिट पर कुल खर्च लगभग 36 लाख रुपये है
- संकर नस्ल की गाय या भैंस की यूनिट पर खर्च लगभग 42 लाख रुपये तक आएगा
इस खर्च में से सरकार आपको एक बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी।
यूनिट का मतलब क्या है?
यूनिट यानी एक समूह जिसमें कम से कम 25 दुधारू पशु होंगे। हर यूनिट में सभी गायें या भैंसें एक ही नस्ल की होनी चाहिए। यानी अगर आपने गिर नस्ल की गायें ली हैं, तो सभी उसी नस्ल की होंगी। अलग-अलग नस्लों को एक ही यूनिट में शामिल करने की इजाजत नहीं है।
लोन की भी सुविधा मिलेगी
योजना के तहत किसानों को लोन की सुविधा भी दी जा रही है।
- कम से कम तीन साल के लिए लोन मिलेगा
- इन तीन सालों तक ब्याज नहीं देना होगा
- चाहें तो आप तीन साल से पहले भी लोन चुका सकते हैं
- लोन की कुल अवधि सात साल तक होगी
अगर आपके पास खुद की जमीन नहीं है और आप पट्टे पर जमीन लेकर यूनिट लगाना चाहते हैं, तो भी आप आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए पट्टे के कागजों का वैरिफिकेशन जरूरी होगा।
जमीन की शर्तें
- एक यूनिट के लिए कम से कम 3.50 एकड़ जमीन जरूरी है
- ज्यादा यूनिट के लिए उसी अनुपात में ज्यादा जमीन होनी चाहिए
- जमीन अलग-अलग जगह हो सकती है, लेकिन एक ही तहसील में होना जरूरी है
- अगर जमीन साझा है, तो सभी मालिकों की सहमति जरूरी होगी
आवेदन कैसे होगा?
इस योजना में आवेदन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे। अगर आप सहकारी दुग्ध संघों से जुड़े हैं या दूध सप्लाई करते हैं, तो आपको प्राथमिकता दी जाएगी।
ट्रेनिंग अनिवार्य
सरकारी संस्थान से पशुपालन का बेसिक प्रशिक्षण लेना जरूरी है। अगर आप पहले से पशुपालन में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं, तो ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है।
कौन-कौन से जानवर शामिल हैं?
इस योजना के तहत जिन नस्लों को पालने की इजाजत है, उनमें शामिल हैं :
- देशी गाय की नस्लें : साहीवाल, गिर, थारपारकर, रेड सिंधी
- संकर गाय : एचएफ (होल्सटीन फ्रिजियन), जर्सी
- भैंसों की नस्लें : मुर्रा, भदावरी, सुरती, मेहसाना
अगर आप किसान हैं और दूध उत्पादन को आय का एक मजबूत साधन बनाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। सब्सिडी के साथ-साथ ब्याज मुक्त लोन और नस्लों की छूट इस योजना को और भी आकर्षक बनाते हैं। तो देर किस बात की, अगर आपके पास ज़मीन है और पशुपालन का मन है, तो तुरंत योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करें।