Free Ration Distribution – छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक शानदार पहल की है। सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के 81 लाख से ज्यादा राशन कार्ड धारकों को एकसाथ तीन महीने का राशन दिया जाएगा। इस योजना का नाम है चावल उत्सव और यह 1 जून से 7 जून 2025 तक चलेगा। इसके तहत जून, जुलाई और अगस्त का चावल एक ही बार में मिल जाएगा, यानी अब हर महीने लाइन में लगने की परेशानी नहीं होगी।
एक बार में तीन महीने का चावल – अब नहीं होगी लाइन की टेंशन
अक्सर लोग राशन लेने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। लेकिन इस योजना से अब एक ही बार में तीन महीने का राशन मिल जाएगा। इससे समय की भी बचत होगी और बारिश के मौसम में आने-जाने की मुश्किलों से भी राहत मिलेगी।
राज्यभर की राशन दुकानों में पहले ही पहुंचाया गया स्टॉक
सरकार ने इस काम को समय पर और सुचारू रूप से करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली है। राज्य की करीब 13 हजार 928 उचित मूल्य की दुकानों में चावल का पूरा स्टॉक भेज दिया गया है। खासतौर पर दूर-दराज के इलाकों को प्राथमिकता दी गई है, ताकि वहां के लोगों को समय पर राशन मिल सके।
1 जून से 7 जून के बीच होगा वितरण
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी राशन दुकानों को सख्त निर्देश दिए हैं कि 1 जून से 7 जून के बीच चावल का वितरण पूरा कर लिया जाए। दुकानों को यह भी कहा गया है कि वे वितरण की तारीख, समय और उपलब्ध चावल की जानकारी दुकान पर चिपकाएं ताकि लोगों को कोई भ्रम न रहे।
जिला कलेक्टरों को मिली प्रचार और निगरानी की जिम्मेदारी
हर जिले के कलेक्टर को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे योजना का प्रचार-प्रसार करें और राशन वितरण की निगरानी भी करें। इसके लिए माइकिंग, पोस्टर, बैनर और लोकल रेडियो का सहारा लिया जाएगा। साथ ही गांव-गांव की समितियों की मौजूदगी में चावल बांटा जाएगा ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
डिजिटल सिस्टम से मिलेगा चावल, मिलेगी पक्की रसीद
इस बार चावल का वितरण पूरी तरह डिजिटल तरीके से किया जाएगा। यानी राशन लेने के लिए ई-पॉस मशीन और बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी होगा। साथ ही हर लाभार्थी को चावल मिलने की पक्की रसीद भी दी जाएगी ताकि भविष्य में कोई शिकायत न हो।
तकनीक से पारदर्शिता और जवाबदेही
खाद्य विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के अफसरों से बात की और सख्त निर्देश दिए कि इस बार कोई चूक न हो। उन्होंने साफ कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सबसे जरूरी है। तकनीक के सहारे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चावल सही लोगों तक पहुंचे और एक भी बोरी इधर-उधर न हो।
मानसून में भी नहीं रुकेगा राशन का काम
अक्सर बरसात के मौसम में दूर-दराज की राशन दुकानें बंद हो जाती हैं और लोग भूखे रह जाते हैं। लेकिन इस बार सरकार ने पहले से ही 249 ऐसी दुकानों को चिन्हित किया है और वहां चावल का स्टॉक पहले ही भेज दिया गया है ताकि बारिश के दौरान भी किसी को दिक्कत न हो।
हर पहलू पर चर्चा, अफसरों की बड़ी बैठक
इस योजना की तैयारी को लेकर एक बड़ी बैठक भी हुई जिसमें खाद्य विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम के आला अफसरों के साथ सभी जिलों के कलेक्टर शामिल हुए। इस बैठक में तय किया गया कि इस बार वितरण पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ होगा।
लोगों को मिलेगी राहत, सरकार को मिलेगा भरोसा
सरकार का यह कदम न सिर्फ गरीब परिवारों के लिए राहत भरा है, बल्कि इससे लोगों का सरकार पर भरोसा भी बढ़ेगा। बारिश के मौसम में लोगों को भूख से जूझना न पड़े, इसी सोच के साथ यह योजना लाई गई है। यह दिखाता है कि सरकार ज़मीनी हकीकत को समझती है और जनता की जरूरतों को प्राथमिकता देती है।
छत्तीसगढ़ की यह पहल बाकी राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकती है। जब सरकार और सिस्टम मिलकर काम करें तो जनता को सीधा फायदा मिलता है। उम्मीद है कि आगे भी इस तरह की योजनाएं लाकर लोगों की जिंदगी आसान बनाई जाएगी।