Free Ration Distribution – जैसे-जैसे मानसून आने वाला है, सरकार ने राशन वितरण के तरीके में बड़ा बदलाव किया है। इस बार जून महीने में राशन कार्डधारकों को दो बार राशन दिया जाएगा। यानी जून और जुलाई दोनों महीनों का राशन एक साथ बांटा जाएगा। ये फैसला खासतौर पर बाढ़ की आशंका को देखते हुए लिया गया है ताकि जरूरतमंदों को समय पर राशन मिल सके और बाढ़ की वजह से अगर राशन वितरण में कोई दिक्कत आए तो वो टला जा सके।
राशन वितरण कब से शुरू हो चुका है?
जिले में राशन वितरण की शुरुआत 30 मई से हो चुकी है और ये 10 जून तक चलेगा। इस पूरे समय में राशन कार्डधारकों को तय मात्रा में अनाज दिया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर (DSO) स्वीटी कुमारी ने बताया कि इस बार राशन वितरण पर बहुत कड़ी नजर रखी जा रही है ताकि कोई भी गड़बड़ी न हो। पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है।
अंत्योदय कार्डधारकों को मिलेगा ज्यादा राशन
सरकार ने खास तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए राशन की मात्रा बढ़ा दी है। अंत्योदय राशन कार्डधारकों को इस बार 14 किलो चावल और 21 किलो गेहूं दिया जाएगा। ये वो लोग हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे ज्यादा संघर्ष करते हैं, इसलिए उनके लिए यह राहत बड़ी मदद साबित होगी।
बाकी कार्डधारकों के लिए राशन का प्रावधान
अन्य राशन कार्डधारकों को भी अपना तय राशन मिलेगा। सामान्य कार्डधारकों को प्रति यूनिट दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल दिया जाएगा। यानी हर किसी को उसके हक के अनुसार राशन मिलना तय है। यह वितरण प्रक्रिया नोडल अधिकारियों की निगरानी में पूरी पारदर्शिता के साथ होगी।
अधिकारी कर रहे हैं सख्त निगरानी
डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (DM) ने इस राशन वितरण के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने नोडल अधिकारियों के साथ-साथ तहसील और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई है ताकि हर एक राशन दुकान की निगरानी की जा सके।
- सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र में कम से कम पांच राशन दुकानों की जांच करने का आदेश दिया गया है।
- पूर्ति निरीक्षकों को दूसरे क्षेत्रों की राशन दुकानों की भी जांच करनी होगी और कार्डधारकों के बयान भी दर्ज करने होंगे।
- वितरण की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि भविष्य में किसी भी शिकायत की जांच में आसानी हो।
बाढ़ की आशंका के कारण ये बड़ा फैसला
सरकार का ये फैसला इस साल जून-जुलाई में बाढ़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। बाढ़ के समय कई बार परिवहन और राशन की सप्लाई में दिक्कतें आती हैं, जिससे जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए बाढ़ आने से पहले ही राशन एडवांस में देना बेहतर समझा गया ताकि किसी को राशन की कमी न हो।
पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए भी खास इंतजाम
प्रशासन ने इस बार राशन वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही को बहुत प्राथमिकता दी है। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे समय-समय पर राशन दुकानों की जांच करें और किसी भी अनियमितता को तुरंत रोकें। वितरण केंद्रों पर किसी भी तरह की धांधली सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बार की तैयारी कुछ खास है
इस बार राशन वितरण की पूरी प्रक्रिया बहुत संगठित और नियमबद्ध तरीके से की जा रही है। किसी भी कार्डधारक को अपने राशन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अधिकारी हर दिन राशन दुकानों का दौरा कर रहे हैं और शिकायतों को भी गंभीरता से ले रहे हैं। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि हर जरूरतमंद तक समय पर राशन पहुंचे।
लोगों को क्या करना चाहिए?
राशन कार्डधारकों को चाहिए कि वे राशन वितरण के समय पूरी जानकारी रखें और अपने राशन का सही हिसाब रखें। अगर कहीं कोई गड़बड़ी दिखे या राशन कम मिले, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। इस बार प्रशासन ने शिकायत निवारण के लिए भी टीम बनाई है, जो शिकायतों का फौरन निपटारा करेगी।
सरकार की कोशिश है कि कोई भूखा न रहे
सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी परिवार भूखा न रहे और सभी को समय पर राशन मिले। बाढ़ के समय राशन की समस्या न आए इसलिए यह कदम उठाया गया है। राशन वितरण को लेकर प्रशासन पूरी तरह सजग है और इस बार सख्ती से काम किया जा रहा है।
इस बार राशन वितरण में दो महीने का राशन एक साथ मिलेगा और इसकी पूरी प्रक्रिया पर अधिकारियों की कड़ी नजर रहेगी। बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है। आपको भी अपने राशन कार्ड की जानकारी अपडेट रखनी चाहिए और समय-समय पर राशन वितरण केंद्रों पर जाकर अपना राशन लेना चाहिए। अगर कोई परेशानी हो तो प्रशासन से संपर्क करें ताकि राशन सभी तक सही तरीके से पहुंचे।