PM Awas Yojana – सरकार की सबसे पॉपुलर योजनाओं में से एक PM आवास योजना ग्रामीण फिर से सुर्खियों में है। वजह भी खास है, क्योंकि जिन लोगों को अब तक इस योजना का फायदा नहीं मिल पाया था, उनके लिए एक और मौका सरकार ने दे दिया है।
केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में इस योजना के तहत चल रहे आवास प्लस सर्वे की तारीख बढ़ा दी है, जिससे और भी ज्यादा जरूरतमंद परिवार योजना से जुड़ सकें और उन्हें उनका सपना यानी पक्का घर मिल सके।
क्यों खास है ये योजना?
PM Awas Yojana-Gramin खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो अब तक कच्चे या अधपक्के मकानों में रह रहे हैं। सरकार चाहती है कि देश के हर नागरिक के पास सिर छुपाने के लिए एक मजबूत छत हो और इसी सोच के साथ ये योजना शुरू की गई थी।
इसके तहत जिन लोगों के पास खुद की जमीन है और वे अभी कच्चे मकान में रह रहे हैं, उन्हें पक्का मकान बनाने के लिए केंद्र सरकार सीधी वित्तीय सहायता देती है। मैदानी इलाकों में यह मदद 1 लाख 20 हजार रुपये की होती है, जबकि पहाड़ी या कठिन इलाकों के लिए यह राशि 1 लाख 30 हजार रुपये तक जाती है।
सर्वे की तारीख बढ़ाई गई
अभी तक इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए जिन लोगों को अपनी जमीन का सर्वे करवाना था, उनके पास 15 मई तक का वक्त था। लेकिन अब सरकार ने तारीख बढ़ा दी है, जिससे जिन लोगों ने सर्वे नहीं कराया था, उन्हें दोबारा मौका मिल गया है।
सरकार ने हरियाणा, मेघालय और अंडमान-निकोबार जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वे की आखिरी तारीख 7 जून तक बढ़ा दी है। ये फैसला 26 मई को जारी निर्देशों के बाद लिया गया है। राज्यों की मांग पर केंद्र सरकार ने ये राहत दी है ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण परिवार योजना का फायदा ले सकें।
कैसे होता है लाभार्थियों का चयन?
अब सवाल उठता है कि योजना का लाभ किन्हें मिलेगा और कैसे चुना जाएगा? तो इसके लिए सरकार एक सर्वे करवाती है जिसे ‘आवास प्लस सर्वे’ कहा जाता है। इस सर्वे में आवेदक की जमीन, मकान की स्थिति और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति की जांच होती है।
अगर सर्वे में यह साबित हो जाता है कि व्यक्ति कच्चे मकान में रह रहा है और उसके पास खुद की जमीन है, तो उसे योजना में शामिल किया जाता है। फिर लिस्ट बनाई जाती है और उसी आधार पर लाभार्थियों को फंड ट्रांसफर किया जाता है।
कितनी मिलेगी राशि?
- मैदानी इलाके: 1 लाख 20 हजार रुपये
- पहाड़ी या दुर्गम इलाके: 1 लाख 30 हजार रुपये
ये राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
बढ़ाई गई तारीख का क्या मतलब है आपके लिए?
अगर आप अभी तक किसी कारणवश सर्वे नहीं करवा पाए थे, तो अब आपके पास फिर से मौका है। 7 जून तक सर्वे पूरा करवा लें और योजना में अपना नाम शामिल करवाएं। ये मौका दोबारा मिले या ना मिले, इसका कोई भरोसा नहीं।
अब तक कितनों को मिला फायदा?
देश के कई राज्यों में आवास प्लस सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है और वहां लाभार्थियों की लिस्ट बनाकर सत्यापन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। लेकिन कुछ राज्यों में तकनीकी कारणों या देरी के चलते काम अधूरा रह गया था। इन्हीं राज्यों को अब अतिरिक्त समय दिया गया है।
सरकार क्यों दे रही है इतनी राहत?
दरअसल, सरकार चाहती है कि जो लोग अब तक सरकारी योजनाओं से छूट गए हैं, उन्हें दोबारा मौका मिले। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में अभी भी ऐसे लाखों लोग हैं जिनके पास पक्का मकान नहीं है और वे गरीबी में दिन काट रहे हैं। ऐसे में यह योजना न सिर्फ उन्हें छत मुहैया कराती है, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी ऊपर उठाती है।
योजना से जुड़े जरूरी पॉइंट्स
- योजना पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा संचालित है
- पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में आता है
- किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं होती
- योजना का मकसद है हर परिवार को पक्का घर देना
- राज्य सरकार और डिस्ट्रिक्ट लेवल टीमें इसमें मदद करती हैं
अगर आप या आपके जान-पहचान में कोई ऐसा व्यक्ति है जो अभी तक कच्चे मकान में रह रहा है और इस योजना के लिए पात्र है, तो उसे तुरंत जानकारी दें। सरकार ने मौका दिया है, बस आपको थोड़ा कदम बढ़ाना है।
आवास प्लस सर्वे 2024 की नई तारीख 7 जून तय की गई है, यानी अब ज्यादा वक्त नहीं है। जल्दी से अपने इलाके की पंचायत या ब्लॉक ऑफिस में जाकर पूरी जानकारी लें और समय रहते सर्वे करवाएं।