RBI New Rule – अगर आपके पास भी कोई ऐसा बैंक खाता है जो सालों से यूं ही पड़ा हुआ है, न उसमें पैसे डाले गए हैं और न ही निकाले गए हैं, तो अब आपको अलर्ट हो जाना चाहिए। क्योंकि अब भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस नए फैसले का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा, खासकर उन पर जो अपने खाते को यूज नहीं करते।
चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि RBI का ये नया नियम क्या है, क्यों लाया गया है और आपको इससे क्या फर्क पड़ सकता है।
निष्क्रिय खाता यानी क्या?
सबसे पहले तो ये जान लें कि निष्क्रिय खाता होता क्या है। अगर आपने किसी बैंक खाते में लगातार दो साल तक कोई लेनदेन नहीं किया है, मतलब न पैसे जमा किए और न ही निकाले, न ही किसी बैंक सेवा का इस्तेमाल किया है, तो बैंक उसे Inactive या Dormant घोषित कर देता है। ऐसे खाते बैंक की नजर में सिर्फ एक नाम भर बनकर रह जाते हैं, लेकिन साइबर ठगों के लिए ये सोने की खान साबित हो सकते हैं।
क्यों लाया गया ये नया नियम?
RBI के पास कई मामले पहुंचे हैं जहां निष्क्रिय खातों का गलत इस्तेमाल हुआ है। साइबर ठगों ने इन खातों से फर्जी ट्रांजैक्शन किए, दूसरों के खातों में पैसा ट्रांसफर किया और खुद को बचा लिया। यानी इन खातों के जरिए ठगी करना उनके लिए आसान हो गया था। इसी खतरे को रोकने के लिए RBI ने सख्त कदम उठाया है और बैंकों को कहा है कि अब इन निष्क्रिय खातों पर नजर रखनी ही होगी।
नए नियम में क्या खास बातें हैं?
RBI ने कुछ अहम निर्देश दिए हैं, जिन्हें सभी बैंकों को अब मानना ही होगा:
- हर साल की जाएगी समीक्षा
अब बैंक हर साल अपने सभी निष्क्रिय खातों की जांच करेगा। अगर कोई खाता दो साल से बंद पड़ा है, तो बैंक उसे चिन्हित करेगा और उसकी एक्टिविटी पर नजर रखेगा। - फिर से चालू हुए खातों पर नजर
अगर कोई ग्राहक निष्क्रिय खाता दोबारा चालू करवाता है, तो बैंक उस पर कम से कम छह महीने तक नजर रखेगा कि उसमें कोई गड़बड़ी या संदिग्ध गतिविधि तो नहीं हो रही। - अलग से होगी ऑडिटिंग
इन खातों की अलग से ऑडिटिंग की जाएगी। यानी अगर आपके खाते में पांच हजार रुपये पड़े हैं और आपने कोई लेनदेन किया, तो उस पर नजर रखी जाएगी कि पैसे का इस्तेमाल सही तरीके से हो रहा है या नहीं। - बैंकों की जिम्मेदारी तय
अब बैंक इस मामले में कोई लापरवाही नहीं कर सकते। अगर किसी निष्क्रिय खाते में गड़बड़ी हुई और बैंक ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो RBI उस बैंक के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है। - जनधन खातों पर भी असर
नवंबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए करीब 11 करोड़ से ज्यादा खाते निष्क्रिय हो चुके हैं। ये वो खाते हैं जिनमें दो साल से कोई लेनदेन नहीं हुआ। अगर इन पर नजर नहीं रखी गई तो ये साइबर ठगों के लिए सबसे आसान टारगेट बन सकते हैं।
आपके लिए क्यों जरूरी है ये जानना?
अगर आपका खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो आप उस खाते से कोई भी लेनदेन नहीं कर पाएंगे। न पैसा निकाल सकेंगे, न जमा कर पाएंगे, और न ही UPI, मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाएं इस्तेमाल कर पाएंगे। और अगर आपने लंबे समय तक इसे चालू नहीं करवाया, तो बैंक उसे स्थायी रूप से बंद भी कर सकता है।
कैसे रखें अपना खाता सक्रिय?
- हर छह महीने में एक बार खाते में लेनदेन जरूर करें। चाहे सौ रुपये ही क्यों न हों, कुछ न कुछ ट्रांजैक्शन करते रहें।
- एटीएम से पैसे निकालना या जमा करना भी एक अच्छा तरीका है खाता एक्टिव रखने का।
- ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते रहें – मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग या UPI से भी खाता सक्रिय रहता है।
- अगर खाता किसी काम का नहीं है, तो बेहतर है कि उसे बंद करवा दें। फालतू में खाता पड़े रहने से जोखिम बढ़ सकता है।
अगर खाता निष्क्रिय हो गया है तो क्या करें?
डरने की जरूरत नहीं है। आप सीधे अपने बैंक की ब्रांच में जाएं, एक एप्लिकेशन और अपना पहचान पत्र यानी KYC दस्तावेज साथ ले जाएं। बैंक कर्मचारी खाता फिर से चालू कर देंगे। कुछ बैंक मोबाइल एप या नेट बैंकिंग से भी ये सुविधा दे रहे हैं।
RBI का ये कदम सही समय पर लिया गया एक अच्छा फैसला है। इससे लोगों के पैसों की सुरक्षा बढ़ेगी और बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता आएगी। लेकिन अब लोगों को भी सतर्क रहना होगा। निष्क्रिय खाते को यूं ही छोड़ देना खुद अपने लिए खतरा मोल लेने जैसा है। इसलिए जब भी आपको अपना पुराना खाता याद आए, तो उसमें एक छोटा सा लेनदेन कर दीजिए और उसे चालू बनाए रखिए।