Retirement Age – पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और कई खबरों में यह दावा किया जा रहा था कि केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र घटाने वाली है। कई लोग कह रहे थे कि सरकार 60 साल की जगह अब 30 साल की सेवा के बाद ही रिटायरमेंट का नियम ला सकती है। इन बातों ने लाखों कर्मचारियों को चिंता में डाल दिया था। ऐसे में अब सरकार ने खुद इस मुद्दे पर संसद में जवाब देकर सारी अटकलों पर ब्रेक लगा दिया है।
क्यों आई थी अफवाहें?
दरअसल, अफवाहें यह थीं कि सरकार युवाओं के लिए नई नौकरियां खोलने के मकसद से पुराने कर्मचारियों को जल्दी रिटायर करने की सोच रही है। कुछ लोगों का यह भी कहना था कि जो लोग साल 2000 के बाद जन्मे हैं, उनके लिए अवसर देने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। इससे सीनियर कर्मचारियों में डर बैठ गया कि कहीं उन्हें अचानक रिटायर तो नहीं कर दिया जाएगा।
सरकार ने संसद में क्या कहा?
सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस मामले में संसद में सीधा सवाल पूछा कि क्या सरकार 60 साल की उम्र या 30 साल की सेवा में से जो पहले पूरा हो, उस आधार पर रिटायरमेंट देने की योजना बना रही है? इस पर सरकार ने साफ-साफ जवाब देते हुए कहा कि ऐसी कोई भी योजना फिलहाल विचाराधीन नहीं है। न ही रिटायरमेंट की उम्र घटाई जा रही है और न ही इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास है।
सरकार ने यह भी कहा कि कर्मचारियों की चिंता गलतफहमी पर आधारित है और उन्हें किसी भी बदलाव को लेकर डरने की जरूरत नहीं है।
क्या 30 साल की सेवा के बाद रिटायर किया जाएगा?
कई अफवाहों में यह भी कहा गया था कि यदि कोई कर्मचारी 30 साल की सेवा पूरी कर लेता है, तो भले ही वह 50 या 55 साल का हो, उसे रिटायर कर दिया जाएगा। इस पर भी सरकार ने साफ किया कि इस तरह की कोई योजना नहीं बनाई जा रही है। अभी भी रिटायरमेंट की उम्र 60 साल ही है और इसमें कोई बदलाव नहीं हो रहा है।
कर्मचारियों की राहत की सांस
सरकार के इस जवाब से केंद्रीय कर्मचारियों को बहुत बड़ी राहत मिली है। जो लोग प्लानिंग कर रहे थे कि अब क्या होगा, रिटायरमेंट जल्दी आएगा या नहीं, उन्हें अब कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह साफ हो गया है कि सरकार अपने कर्मचारियों की स्थिति और हितों को समझती है और उन्हें किसी तरह की असुरक्षा में नहीं रखना चाहती।
युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा फिर?
अब सवाल उठता है कि अगर रिटायरमेंट की उम्र में बदलाव नहीं हो रहा, तो फिर सरकार युवाओं को नौकरी कैसे देगी? इसका जवाब भी सरकार ने दिया है। सरकार का कहना है कि वह युवाओं के लिए रोजगार मेलों का आयोजन कर रही है, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स चला रही है और निजी सेक्टर में भी अवसर बढ़ा रही है।
यानि सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं करना चाहती जिससे सीनियर कर्मचारियों को नुकसान हो और युवा भी बेरोजगार रहें। दोनों के बीच संतुलन बनाकर काम किया जा रहा है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
फिलहाल तो रिटायरमेंट एज में कोई बदलाव नहीं हो रहा, लेकिन आगे चलकर क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। इसलिए यह जरूरी है कि कर्मचारी और युवा दोनों ही सरकार के आधिकारिक सूत्रों से ही जानकारी लें। किसी भी अफवाह या सोशल मीडिया की पोस्ट पर भरोसा ना करें।
कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी जरूरी
जैसे सरकार ने स्पष्टता दी है, वैसे ही कर्मचारियों को भी चाहिए कि वे केवल असली और आधिकारिक सूचना को ही मानें। अफवाहों पर भरोसा करना न सिर्फ गलत है बल्कि यह मानसिक तनाव भी पैदा करता है। सरकारी नौकरी एक बड़ी जिम्मेदारी और भरोसे का प्रतीक होती है, और इस भरोसे को बनाए रखने के लिए दोनों तरफ से ईमानदारी जरूरी है।
सरकार ने साफ कह दिया है कि 60 साल की रिटायरमेंट एज में कोई बदलाव नहीं होगा। 30 साल की सेवा के बाद जबरन रिटायरमेंट देने का भी कोई विचार नहीं है। सरकार युवाओं के लिए रोजगार बढ़ा रही है लेकिन सीनियर कर्मचारियों के हितों की अनदेखी नहीं कर रही।