Teacher Summer Duty – हरियाणा के सरकारी स्कूलों के टीचर्स के लिए इस बार गर्मी की छुट्टियां वैसी नहीं रहने वाली जैसी पहले होती थीं। जहां पहले ये छुट्टियां आराम और परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका होती थीं, वहीं अब टीचर्स को फील्ड में जाकर घर-घर नामांकन अभियान चलाना होगा। हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने साफ कह दिया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान शिक्षक 10 दिन तक गांवों और शहरों में जाकर लोगों से मिलेंगे और बच्चों को सरकारी स्कूल में एडमिशन दिलाने के लिए उन्हें प्रेरित करेंगे।
छुट्टियों में टीचर्स की ड्यूटी, स्कूलों में नामांकन बढ़ाने की तैयारी
सरकार की इस पहल का मकसद सरकारी स्कूलों में घटते नामांकन को फिर से बढ़ाना है। दरअसल, पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि कई अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना ज्यादा बेहतर मानते हैं, जिस वजह से सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। ऐसे में अब सरकार ने टीचर्स को इस काम में लगाया है कि वे लोगों के पास जाएं, उन्हें सरकारी शिक्षा व्यवस्था की खासियत बताएं और उनके बच्चों का नामांकन कराएं।
शिक्षा मंत्री ने दिए सख्त निर्देश, छुट्टी में भी करनी होगी ड्यूटी
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने हाल ही में हुई एक बड़ी बैठक में ये ऐलान किया। इस मीटिंग में प्रदेश के प्रमुख शिक्षा अधिकारी, स्कूलों के प्रिंसिपल्स और दूसरे अफसर मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि जिन स्कूलों का रिजल्ट अच्छा रहा है, उन्हें सम्मानित किया जाएगा, और जो स्कूल पिछड़ रहे हैं, उन्हें मजबूत स्कूलों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि अनुभव और रणनीति का आदान-प्रदान हो सके।
बोर्ड रिजल्ट की समीक्षा में खुली कई स्कूलों की पोल
इस समीक्षा बैठक में 10वीं और 12वीं के रिजल्ट्स पर चर्चा की गई। बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों के प्रिंसिपलों को सम्मान दिया गया और उनसे कहा गया कि वे अपने अनुभव दूसरे स्कूलों से साझा करें। वहीं जिन स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर रहा, उन्हें साफ चेतावनी दी गई है कि अगर आने वाले समय में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदारी तय की जाएगी।
छात्रों के लिए पुराने बोर्ड पेपर, डाउट क्लास और एक्स्ट्रा क्लास की तैयारी
सरकार ने यह भी तय किया है कि छात्रों की तैयारी को मजबूत करने के लिए पिछले दस सालों के बोर्ड एग्जाम पेपर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे छात्र परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह समझ पाएंगे और बेहतर तैयारी कर सकेंगे। साथ ही स्कूल टाइम के बाद डाउट क्लास और अतिरिक्त कक्षाएं भी चलाने की योजना है, ताकि किसी भी विषय में कमजोर छात्र अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें।
वैज्ञानिक सोच और क्रिएटिव माइंड को मिलेगा मंच
सरकार सिर्फ रिजल्ट सुधारने पर ही ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि बच्चों की सोच और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर विज्ञान प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा, जहां छात्र अपने इनोवेटिव आइडिया और प्रोजेक्ट्स को सबके सामने पेश कर सकेंगे।
गांव-गांव जाएगी शिक्षा की रौशनी, भरोसा लौटाने की कोशिश
सरकार का मानना है कि जब टीचर खुद लोगों के दरवाजे पर जाकर सरकारी स्कूलों की शिक्षा के बारे में बताएंगे, तो इसका सीधा असर नामांकन पर पड़ेगा। कई बार लोग सिर्फ अफवाहों के आधार पर सरकारी स्कूलों से दूरी बना लेते हैं, लेकिन जब वे देखेंगे कि स्कूलों में सुविधाएं सुधरी हैं, पढ़ाई का स्तर बेहतर हुआ है और टीचर्स समर्पण के साथ पढ़ा रहे हैं, तो उनका नजरिया बदलेगा।
टीचर्स की मेहनत से बदलेगा सरकारी स्कूलों का भविष्य
हालांकि छुट्टियों में ड्यूटी लगना किसी भी टीचर के लिए आसान नहीं होता, लेकिन अगर इस अभियान से सरकारी स्कूलों का भविष्य सुधरता है और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती है, तो यह मेहनत भी रंग लाएगी। ये नया आदेश भले ही थका देने वाला लगे, लेकिन इसका मकसद शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और सरकारी स्कूलों का खोया भरोसा वापस लाना है।
हरियाणा सरकार का यह फैसला शिक्षकों के लिए एक नई जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन अगर इसे सकारात्मक तरीके से लिया जाए तो यह पूरे शिक्षा सिस्टम में बड़ा बदलाव ला सकता है। अब देखना ये है कि टीचर्स इस अभियान को कितनी गंभीरता से लेते हैं और गांव-गांव जाकर कितनी जागरूकता फैला पाते हैं।